जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेजजाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज

जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (सांध्य) द्वारा आयोजित 62वें वार्षिकोत्सव को “विकसित भारत @2047“ के रूप में मनाया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी रहे। कार्यक्रम का आरंभ करते हुए जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (सांध्य) के प्राचार्य प्रोफ़ेसर मसरूर अहमद बेग ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उनके महती कार्यों से परिचय करवाया। इस अवसर पर वर्ष 2022 और 2023 में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया, साथ ही साथ पाँच भाषाओं की बंगाली, कॉमर्स, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू पत्रिकाओं का डॉ. कृष्ण गोपाल जी द्वारा लोकार्पण भी किया गया। बंगाली पत्रिका के संपादक डॉ. मुहम्मद जमीलुर रहमान,कॉमर्स के डॉ. अंकुश भार्गव, अंग्रेजी के डॉ. विकास जैन, हिंदी की सपना तिवारी तथा उर्दू की प्रो. शाहिना तबस्सुम की उपस्थिति में पत्रिकाओं के लोकार्पण हुए। बज़्मे-अदब, आर्ट्स एंड कल्चर, एन. सी. सी. और खेलकूद सभी सोसायटी के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डॉ. कृष्ण गोपाल ने सभी को भविष्य की बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि ‘यह महाविद्यालय पुराने और नये के समन्वय का केंद्र है। यह बहुत गौरव की बात है। भारत ने आज़ादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव किए हैं। शिक्षा का बहुत विस्तार हुआ है। आज दुनिया भर की संस्थाओं में भारत जन उच्च पदों पर आसीन हैं। आज भारत के बच्चे विश्वस्तरीय शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं। हमारे देश का आर्थिक विकास बहुत तेज़ी से हो रहा है। भारत के विकास में देश के शिक्षण संस्थानों की बड़ी भूमिका है।‘

लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी में, विकास में, शोध में हम बहुत आगे जा चुके हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि जितने संसाधन हमारे पास आ रहे हैं उसके बावजूद इंसान अकेला होता जा रहा है। इसमें से कैसे रस्ता निकले। आज जो पढ़ रहे हैं, पढ़ा रहे हैं उनको इस बात का ध्यान रखना है।

उन्होंने भारत की समृद्ध परंपरा की याद दिलाई, जो मिलकर साथ रहने की परंपरा है। भारत की परंपरा में अध्यात्म रहा है इसलिए वह अपने लिए ही नहीं दूसरों के लिए जीता है। पश्चिम में व्यक्ति प्रधान रहा जबकि भारत में कुटुंब की प्रधानता रही है। इस बात को ध्यान रखने की ज़रूरत है।

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