राष्ट्रीय महिला आयोगराष्ट्रीय महिला आयोग

आज डीयू के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) एवं भारत सरकार के राष्ट्रीय महिला आयोग के सयुंक्त तत्वावधान में ‘राइज एंड लीड: यंग वीमन पायोनियरिंग टेक्नोलॉजी, बिज़नेस एंड पब्लिक लाइफ’ विषय पर संगोष्ठी-सह-कार्यशाला का कार्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित किया गया । कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित एकदिवसीय सेमिनार के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त सचिव अशोली चलाई थी ।

उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि ” ‘कॉरपोरेट क्षेत्र, राजनीति, न्यायिक व्यवस्था, सरकारी सेवाओं, आदि में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब तक कम रहा है, लेकिन समय के साथ इसमें सकारात्मक बदलाव आया है। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अब प्रत्यक्ष लाभ अब महिलाओं को प्राप्त होने लगा है। राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लियलिए प्रतिबद्ध है।

संगोष्ठी-सह-कार्यशाला का उद्देश्य आज के तकनीकी समय में छात्राओं को तकनीकी की चुनौतियों एवं सम्भवनाओं से परिचित कराना था। साथ ही उनको आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), डेटा, सूचना तंत्र आदि के क्षेत्र में सशक्त, कुशलता एवं सजगता से समस्याओं के निराकरण से अवगत कराना था।

कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यूईबी के चेयरपर्सन प्रो. बलराम पाणि, एनसीडब्ल्यूईबी की निदेशक प्रो. गीता भट्ट, एनसीडब्ल्यूईबी उप-निदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार एवं पीजी सेंटर प्रभारी डॉ. प्रेमपाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की कनिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ चंद्रिका प्रकाश सहित अन्य गणमान्य व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही।

प्रो. बलराम पाणि ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में छात्राओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होकर सक्षम समाज और राष्ट्र का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। प्रो. गीता भट्ट ने 21वीं शताब्दी में तकनीक जनित भटकाव बहुत ज्यादा हैं। ऐसी परिस्थितियों में तकनीक सम्बन्धी विषय पर आधारित आज की इस संगोष्ठी का विशेष महत्त्व है।

कार्यक्रम में तीन वक्ताओं ने कार्यशाला सत्रों में छात्राओं के साथ संवाद स्थापित किया। इनमें जेएनयू के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. टी. वी. विजय कुमार, इंटरेक्टिव बीज़ प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक एवं निदेशक मोनिका गुप्ता एवं हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की सम-कुलपति प्रो. सुषमा यादव शामिल थे। संवाद सत्र के पश्चात छात्राओं द्वारा प्रश्न भी पूछे गए।

डॉ. प्रेमपाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम एवं विभिन्न सत्रों में मंच संचालन प्राध्यापकों डॉ. आशा, डॉ. सतेंद्र शुक्ल एवं डॉ. ऋषिकेश सिंह ने किया। सभी प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के लिए लगभग 250 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया। कार्यक्रम में छात्राओं, प्राध्यापकों, नॉन-टीचिंग स्टाफ एवं पदाधिकारियों सहित लगभग 250 से अधिक की उपस्थिति रही। ज्ञात हो कि डीयू के एनसीडब्ल्यूईबी द्वारा कुल 27 कॉलेज केन्द्रों पर सप्ताहांत में कक्षाओं का संचालन किया जाता है।

यह भी जरूर पढ़े :

दिवालिया होने से बचा पाकिस्तान, मिला 1 अरब डॉलर का कर्ज

Discover more from The BG Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading