उदयाचलउदयाचल

उदयाचल आज दिल्ली विश्वविद्यालय के मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज के हिन्दी विभाग की सोसाइटी उदयाचल ने ” समकालीन हिन्दी कविता में विमर्श चेतना ” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया । इस व्याख्यान में मुख्य अतिथि के तौर पर लेखक , कवि व दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक जायसवाल थे। इस कार्यक्रम के संयोजक के रूप में मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज के हिन्दी विभाग के डॉ. आशुतोष और कार्यक्रम प्रभारी के रूप में प्रो. कान्हा राम मीणा उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संदीप गर्ग के सम्बोधन से हुई। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी विभाग के द्वारा ऐसे आयोजन नियमित अंतराल पर होते रहते हैं और ऐसे कार्यक्रम के जरिए छात्रों को काफी कुछ सीखने को मिलता हैं। ऐसे कार्यक्रम कॉलेज को एक नई दिशा देते हैं ।

कार्यक्रम में अपने व्याख्यान में हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक जायसवाल ने अपनी लिखी व कई अन्य कवियों की कविता का पाठ किया जिसमें प्रमुख रूप से ” बुद्ध और फराओ, भूख , मां , जिजीविषा रही । अपने व्याख्यान में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में सबसे ज्यादा लेखक विज्ञान क्षेत्र से आते हैं और उनकी लिखी हिन्दी की किताबें सबसे ज्यादा बिक रही हैं । अगर हम देखते हैं तो पाते हैं कि हिन्दी के तमाम बड़े कवि हिन्दी क्षेत्र से नहीं थे । उदयाचल उदयाचल 

छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ दीपक जायसवाल ने कहा कि अगर आपको सफल होना हैं तो आपको रोज सोचना होगा और उस पर आगे बढ़ना होगा । यूपीएससी से संबंधित सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आपके पास सदैव प्लान ए और प्लान बी होना ही चाहिए और प्लान ए पर पूरा ध्यान केंद्रित होना चाहिए ।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम प्रभारी प्रो. कान्हा राम मीणा ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि साहित्यक कार्यक्रम में हमेशा साहित्यक व्यक्ति ही आना चाहिए । मैं आज के कार्यक्रम में आने के लिए हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक जायसवाल को धन्यवाद देता हूँ और मुझे उम्मीद हैं की दीपक ऐसे ही अपनी रोशनी से दिल्ली विश्वविद्यालय को रोशन करते रहेंगे ।

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