नेशनल मूवमेंट (नमो) फ़ॉर विकसित भारत तथा प्रज्ञानं इंडिका के संयुक्त तत्वावधान में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) विषय पर विशिष्ट परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी मुख्य अतिथि, तथा प्रोफेसर अनुराग दीप, भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता रहे। कार्यक्रम का संयोजन प्रोफेसर निरंजन कुमार वरिष्ठ आचार्य हिंदी विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर निरंजन कुमार ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि CAA, भारत के मानवप्रेम का बड़ा उदाहरण है। 1947 में भारत विभाजन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दू और सिख अल्पसंख्यकों के ऊपर जो अत्याचार शुरू हुए वे लगातार बढ़ते रहे। परिणाम यह हुआ कि इन देशों में हिन्दू और सिख अल्पसंख्यक नाममात्र के बचे हैं। ऐसे में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लाया गया यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए वरदान सिद्ध होगा।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAA का ऐतिहासिक विश्लेषण करते हुए कहा कि यह कानून आजादी के तुरंत बाद ही आ जाना चाहिए था पर पिछली सरकारों की वादाखिलाफ़ी के कारण ऐसा नहीं हो सका। आपने कहा कि विपक्ष के लोग CAA के नाम पर मुसलमान बंधुओं को भड़काने और बरगलाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इस कानून से भारत में मुस्लिम भाइयों बहनों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है।
विशिष्ट वक्ता अनुराग दीप ने नेहरू लियाकत समझौते का स्मरण कराते हुए कहा कि भारत ने अपने यहाँ सदैव अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण किया पर पाकिस्तान ऐसा करने में असमर्थ रहा। यही CAA की पृष्ठभूमि है। आपने CAA के विविध आयामों परिचय कराते हुए कहा कि यह महज़ धार्मिक मसला नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में CAA विषय पर आधारित एक काव्य पाठ भी किया गया जिसमें अलग अलग क्षेत्रों और भाषाओं से जुड़े युवा कवि कवयित्रियों ने भाग लिया। यह काव्य पाठ अपने आप में विशिष्ट तथा CAA के विषय पर अपनी तरह का अनूठा काव्य पाठ रहा।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रियंका वार्ष्णेय तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर ध्रुव कुमार के द्वारा किया गया।
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