रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्मरिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म

NCWEB और रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित ‘यूथ फॉर साइबर वेलनेस’ कार्यक्रम में डॉ. विकास गुप्ता (रजिस्ट्रार, डीयू ) ने कहा कि छात्राएँ साइबर क्राइम की घटनाओं की जानकारी अपने अभिभावकों को जरूर दें । यह कार्यक्रम 14 जनवरी 2025 को दिल्ली विश्वविद्यालय के सम्मेलन केंद्र में आयोजित किया गया था। डॉ. विकास गुप्ता ने आगे कहा कि इंटरनेट की दुनिया में बिना किसी विश्वसनीयता के किसी से कोई जानकारी साझा न करें। डिजीटल अरेस्ट, साइबर क्राइम जैसे मामलों की रिपोर्ट सबसे पहले अपने माता-पिता से उसके बाद पुलिस रिपोर्ट जरूर करें, इसके लिए खुद को किसी भी तरह नुकसान पहुँचाने की आवश्यकता नहीं है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विकास गुप्ता (कुल सचिव, दिल्ली विश्वविद्यालय), अध्यक्ष प्रो. बलराम पाणि (अधिष्ठाता महाविद्यालय एवं चेयरपर्सन एन.सी.डबल्यू.ई.बी.), प्रो. गीता भट्ट (निदेशक, एन.सी.डबल्यू.ई.बी.), वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ सुश्री सोनाली पाटणकर (फाउंडर एवं सीईओ, रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म), श्री उन्मेष जोशी (को-फाउंडर एवं सीओओ, रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म), डॉ. सुरेन्द्र कुमार (उपनिदेशक, एन.सी.डबल्यू.ई.बी.) व डॉ. प्रेमपाल सिंह (प्रभारी, पी.जी. सेंटर) सहित अन्य विद्वतजन उपस्थित रहे। रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म

एन.सी.डबल्यू.ई.बी. की निदेशक प्रो.गीता भट्ट ने कहा आज के तकनीकी युग में एक तरफ तकनीक ने हमारा जीवन आसान किया तो वहीं कई चुनौतियाँ भी साथ लेकर आई है। रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म की ‘यूथ फॉर साइबर वेलनेस’ पर सेमिनार साइबर जागरूकता की दृष्टिकोण से बेहद प्रासंगिक है।

प्रो. बलराम पाणि (डीन ऑफ कॉलेजेज़, डीयू) ने आज के तकनीकी युग में साइबर सिस्टम के सम्पूर्ण मकेनिज़्म, सपोर्ट सिस्टम, नकारात्मक पहल, कम जानकारी पर बात करते हुए समाधान हेतु संरचनात्मक दृष्टिकोण के व्यापक पहल की बात की। इसके लिए एन.सी.डबल्यू.ई.बी. व रिस्पॉन्सिबल नेटिज़्म बधाई के पात्र हैं।

स्पीकर सेशन में क्रमशः श्री उन्मेष जोशी द्वारा ‘साइबर वॉयलेंस अगेन्स्ट यूथ’ विषय पर साइबर क्राइम व साइबर अवेयरनेस की विस्तृत जानकारी एवं सुश्री सोनाली पाटणकर द्वारा ‘साइबर क्राइम अगेन्स्ट वुमेन’ पर केन्द्रित साइबर ब्लैकमेलिंग, सेक्सटॉर्शन, न्यूडफोटोज़, ऑनलाइन रिलेशनशिप, मेंटल हैरास्मेंट आदि के संदर्भ में छात्राओं की शंकाओं को दूर कर सचेत किया गया। इसमें साइबर अपराधियों की रणनीति, उनकी प्रवृत्तियाँ और सरकारी संस्थानों के गतिविधियों की बारीक तुलनात्मक जानकारी भी दी गई। अंत में इन अपराधों के समाधान और रिपोर्ट की प्रक्रिया तथा विभिन्न माध्यमों की जानकारी देकर छात्राओं को रेजिलिएंस बिल्ड करने के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में एन.सी.डबल्यू.ई.बी. के 19 केन्द्रों से 450 से अधिक छात्राओं पंजीकरण कराया। इन केन्द्रों से कई शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई। समापन सत्र में एन.सी.डबल्यू.ई.बी. की निदेशक प्रो. गीता भट्ट के सम्बोधन के साथ ही इस कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति हुई।

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