दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती महाविद्यालय में YUVA (यूथ यूनाइटेड फॉर विज़न एंड एक्शन) और मीडिया मंथन के संयुक्त तत्वावधान में “भारत पर्व – 2025” का भव्य आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस वर्ष का आयोजन विषय था – **“संस्कृति – सेतुना संतुज्यते राष्ट्रम्”**, जो महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन द्वारा हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि प्रोफेसर गीता सिंह (निदेशक, CPDHE), श्री निखिल (माइंड कोच, आर्ट ऑफ लिविंग), और श्री राजेश उपस्थित रहे। भक्ति रस से ओत-प्रोत सरस्वती वंदना महाविद्यालय के संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गई।
भारती महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सलोनी गुप्ता ने कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह आयोजन युवाओं, विद्यार्थियों और बच्चों को भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों, नदियों की भूमिका और सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों की पहचान करना सिखाने के उद्देश्य से किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत “भारत माता की जय” के उद्घोष के साथ हुई, जिसे श्री राजेश ने नेतृत्व दिया। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि प्रो. गीता सिंह ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की, जबकि श्री निखिल ने मानसिक स्वास्थ्य पर विचार साझा किए।
दूसरे सत्र में “यमुना – दिल्ली का भविष्य” विषय पर चर्चा हुई, जिसमें प्रसिद्ध “रिवरमैन ऑफ इंडिया” श्री रमणकांत और श्री प्रबुद्ध वक्ता रहे। श्री रमणकांत ने UN की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2050 तक गंगोत्री ग्लेशियर के पिघलने का खतरा है, जो देश के भविष्य पर गहरा असर डालेगा। उन्होंने सहाबी नदी से हो रहे यमुना के प्रदूषण, गंगा की जल-प्रवाह में 40% हिस्सेदारी और 30% सीवेज नदियों में बहाए जाने की समस्या पर चिंता जताई। श्री प्रबुद्ध ने कहा कि नदियों की स्वच्छता केवल सरकार की नहीं, हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने PAVE सिद्धांत (Perception, Attitude, Value, Emotion) के माध्यम से विचार प्रस्तुत किए।
इसके पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत पर्व – 2025 भारत पर्व – 2025
तीसरे सत्र में “समाचार और फैक्ट चेकिंग” पर परिचर्चा आयोजित हुई, जिसमें श्री हितेश शंकर (प्रधान संपादक, पंचजन्य) और प्रो. पी.डब्ल्यू. पांडेय (निदेशक, सेंटर फॉर हिमालयन स्टडीज़) वक्ता रहे। श्री शंकर ने कहा कि समाचार कभी झूठा नहीं होता, लेकिन उसकी व्याख्या भ्रमित कर सकती है। उन्होंने “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी” की आलोचना की और युवाओं से अपील की कि वे फेक न्यूज़ की पहचान हेतु फैक्ट चेकिंग टूल्स का प्रयोग करें।
मुख्य वक्ता श्री कमलेश कमल (जनसंपर्क अधिकारी, गृह मंत्रालय) ने देशभक्ति, समाजिक जिम्मेदारी और मूल कर्तव्यों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वर्ण सिंह समिति का उल्लेख करते हुए बताया कि अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं।
समापन सत्र में श्री रमेश मिश्रा ने ग्रीस, मिस्र और रोम की प्राचीन सभ्यताओं की तुलना भारतीय सभ्यता से की। यजुर्वेद का उल्लेख करते हुए उन्होंने राष्ट्र कल्याण हेतु सदैव सजग रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक रैम्प वॉक और नृत्य प्रस्तुतियों के साथ हुआ। प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और पारिवारिक मूल्यों की गहराई से समझ प्रदान करना था।
कार्यक्रम का संचालन श्री राजदीप कौशिक (सह-संयोजक, YUVA) ने किया। अंत में प्राचार्या प्रोफेसर सलोनी गुप्ता ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। आयोजन की सफलता में डॉ. मीनाक्षी गुप्ता, डॉ प्रतिभा त्रिपाठी , अभिषेक तिवारी, प्रांजल ,कुणाल आनंद, जानसी और प्रिया पटेल की अहम भूमिका रही।
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