जापान के उत्तर मध्य क्षेत्र में भयानक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.4 मापी गई है. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. इशिकावा के नोटो प्रायद्वीप में 1.2 मीटर तक ऊंची लहरें उठीं, जिससे एक दुर्लभ बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी की गई. शुरुआती भूकंप के बाद, कई झटके आए और नोटो प्रायद्वीप क्षेत्र में सुनामी के 5 मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंचने की आशंका जताई गई.
इनके अलावा, 80 सेंटीमीटर की लहरें टोयामा प्रीफेक्चर तक पहुंच गईं, जबकि 40 मीटर की लहरें काशीवाजाकी, निगाटा प्रीफेक्चर में भी देखी गईं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 सेंटीमीटर की लहरें निगाटा के साडो द्वीप तक पहुंच गईं. सुनामी से यामागाटा और ह्योगो प्रान्तों के भी प्रभावित होने की आशंका जताई गई है. भूकंप का केंद्र इशिकावा प्रान्त में अनामिज़ु से लगभग 42 किलोमीटर (26 मील) उत्तर पूर्व में 10 किलोमीटर (6 मील) की गहराई में आया. झटके स्थानीय समयानुसार शाम 4:10 बजे महसूस किए गए.
भूकंप से बढ़ जाता है परमाणु विस्फोट का खतरा
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर की तरफ से कहा गया है कि वे परमाणु ऊर्जा प्लांट में किसी भी अनियमितता की जांच कर रहे हैं. कंसाई इलेक्ट्रिक पावर के एक प्रवक्ता ने बताया कि भूकंप के तेज झटके के बाद प्लांट में किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं देखी गई है. आमतौर पर तेज झटके की वजह से इन प्लांट्स में विस्फोट और केलिमकल लीक का खतरा बढ़ जाता है. कंपनी ने बताया कि हालात पर करीबी से नजर रखी जा रही है.
फिर आ सकता है भूकंप! तैयार रहने की दी गई चेतावनी
11 मार्च, 2011 को पूर्वोत्तर जापान में एक बड़ा भूकंप और बड़े पैमाने पर सुनामी आई थी, जिससे कई शहर तबाह हो गए और फुकुशिमा में परमाणु विस्फोट शुरू हो गया था. इस भूंकप में 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी. भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में एक परमाणु प्लांट भी शामिल है. हालांकि देश के मुख्य कैबिनेट सचिव ने बताया कि भूकंप के बाद अब तक किसी भी प्लांट में किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है. स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से जगह खाली करने की अपील की है और लोगों को संभावित भूकंपों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है.
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