NAAC अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 20-21 जुलाई 2024 को ‘विद्यालयी तथा उच्च शिक्षा की पाठ्यचर्या रूपरेखा के मध्य सम्बन्धों की समझ’ विषय पर दो-दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दूसरे दिन का आरंभ अपने नियत समय सुबह 10 बजे से हुआ। इस कार्यक्रम का लक्ष्य विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा के मध्य जुड़ावों की बेहतर समझ, गुणवत्तापरक एवं भारतीयता बोध से युक्त शिक्षा व उसके निरंतर मूल्याँकन से जुड़ा है। इसमें पूरे भारत के 200 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
दूसरे दिन तीसरे तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (एनएएसी) के निदेशक प्रो. गणेशन कन्नबिरन, सत्राध्यक्ष एबीआरएसएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.जे.पी.सिंघल, एबीआरएसएम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमान महेंद्र कपूर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमान प्रजनेश शाह, सह-संगठन मंत्री श्री गुंथा लक्ष्मण तथा सचिव प्रो. गीता भट्ट सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की विशिष्ट उपस्थिती रही। ‘NAAC सुधार- बाइनरी प्रत्यायन परिपक्व श्रेणीबद्ध स्तर’ विषय पर अपनी बात रखते हुए NAAC के निदेशक प्रो. गणेशन कन्नबिरन ने NAAC की बहुस्तरीय भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि यह एनईपी-2020 से जुड़ा है जो मूल्य आधारित गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देता है। उन्होंने NAAC के सामने आ रही चुनौतियों जैसे शिक्षण संस्थानों का NAAC मूल्याँकन नकारात्मक रुझान आदि को चिन्हित करते हुए कहा कि हमें इनफ्रास्ट्रक्चर आधारित नहीं बल्कि टीचिंग-लर्निंग-इवैल्यूएशन आधारित शिक्षण संस्थानों की जरूरत है जो वैश्विक महत्त्व के हों।
सत्रांश के अगले भाग में प्रतिभागी शिक्षकों के साथ संवाद शैली में सत्राध्यक्ष प्रो. नारायणलाल गुप्ता और वक्ता प्रो.शैलेश कुमार मिश्रा ने उच्च शिक्षा में आ रही चुनौतियों और समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। सत्रांश के अंत में राष्ट्रहित और उच्च शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन में सक्रिय योगदान हेतु ‘संगठनात्मक कार्यों के प्रसार’ विषय पर श्री गुंथा लक्षण और श्री महेंद्र कपूर ने विस्तृत चर्चा की।
समापन सत्र में सत्राध्यक्ष प्रो.जे.पी. सिंघल सहित श्री महेंद्र कपूर, प्रो.प्रजनेश शाह, प्रो. गीता भट्ट उपस्थित थे। इसमें विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा के परस्पर सम्बन्धों और भारत केन्द्रित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विभिन्न प्रयासों, चुनौतियों, समस्याओं आदि आदि की समीक्षा की गई। धन्यवाद ज्ञापन में एनसीईआरटी और एबीआरएएसएम के सभी पदाधिकारियों और सहयोगियों के अतिरिक्त सभी शिक्षक प्रतिभागियों के प्रति विशेष आभार के साथ कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति की घोषणा की गई। दो-दिवसीय इस कार्यक्रम में देश भर के 170 से अधिक प्राचार्यों और शिक्षकों ने भाग लिया।
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