हिटलर का नाम आते ही यहूदियों के मन में एक डर सा बैठ जाता हैं। गाजा के खिलाफ इजराइल के युद्ध ने दुनियाभर में रह रहे यहूदी समुदाय के मन में डर पैदा किया है. उन्हें एक बार फिर अपनी पहचान छिपाकर रहना पड़ रहा है. कुछ ऐसे ही हालात जर्मनी में भी पनप रहे हैं. चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने निंदा भी की और कहा कि जर्मनी में यहूदी विरोधी हमलों से वह “शर्मिंदा और गुस्सा” हैं. जर्मन चांसलर 1938 के नवंबर नरसंहार की बरसी पर बोल रहे थे.
इजराइल के लिए बर्लिन के कट्टर राजनयिक समर्थन को अक्सर ऐतिहासिक जिम्मेदारी का मामला बताया जाता है, लेकिन जैसे-जैसे गाजा में इजराइली हमले बढ़ रहे हैं, जर्मनी में यहूदी विरोधी लहर उभर रही है. यहूदी समुदाय के लोग अपनी पहचान छिपा रहे हैं और वे होलकॉस्ट को याद कर रहे हैं, जहां लाखों की संख्या में यहूदी समुदाय के लोगों की हत्या की गई.
यूरोप में उभर रही यहूदी विरोधी लहर
एक जर्मन नागरिक कहती हैं, आज के जर्मनी में कुछ यहूदी लोग अब अपनी पहचान छिपा रहे हैं. स्थानीय यहूदी नागरिकों का मानना है कि बर्लिन असुरक्षित है क्योंकि “बहुत सारे लोग आतंकवादी संगठनों का समर्थन करते हैं.” इजराइल-गाजा युद्ध के बाद से पूरे यूरोप में यहूदी विरोधी लहर उभरने का खतरा बना हुआ है. कुछ शहरों में तो यहूदी समुदाय पर कथित रूप से हमले भी हुए हैं. बीते दिनों सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग देशों से कुछ हमलों की तस्वीरें सामने आईं.
सिनगॉग पर हुए पेट्रोल बम से हमले
पिछले महीने में बर्लिन में एक सिनगॉग पर दो पेट्रोल बम फेंके गए थे. जर्मनी का हिटलर इतिहास यहूदी समुदाय के लिए बहुत ही डरावना रहा है. समुदाय को टारगेट करते हुए बताया जाता है कि तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने 6 लाख यहूदी समुदाय की हत्या कर दी थी. दशकों तक उन्हें डिटेंशन कैंप में रहना पड़ा. दूसरे विश्व युद्ध के दरमियान हालात इतने खराब हो गए कि यहूदी समुदाय के लोगों को अपनी पहचान छिपाकर रहना पड़ता था.
डर के कारण छिपा रहे पहचान
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल पर हमास के हमले और फिर इजराली युद्ध के पहले से ही जर्मनी में यहूदी विरोधी भावनाएं पनप रही थी. कई हमले भी हुए. ज्यादातर हमले बताया जाता है कि दक्षिणपंथी द्वारा किए गए. बर्लिन की रहने वाली नोआ ताजा हालात को देखकर होलोकॉस्ट को याद करती हैं और बताती हैं कि किस तरह होलोकॉस्ट के दौरान उनके परिवार के लोगों को पोलैंड में अपनी पहचान छिपाकर रहना पड़ता था. इनके अलावा स्थानीय यहूदी कह रहे हैं कि उन्हें अब भी डर के कारण अपनी पहचान छिपाने पड़ रही है.
जर्मनी ने हमास के खिलाफ युद्ध में किया इजराइल का समर्थन
जर्मनी की विदेश नीति में इजराइल एक अहम मुद्दा है. हाल ही में इजराइल की यात्रा पर, ओलाफ स्कोल्ज ने खुला समर्थन दिया और कहा कि इस मुश्किल घड़ी में वह इजराइल के साथ खड़े हैं. जर्मनी में फिलिस्तीनी भी बड़ी संख्या में रहते हैं. इजराइल की जंग के बाद से कई देशों में फिलिस्तीनियों पर भी हमले हुए हैं. अमेरिका के शिकागो में एक यहूदी बुजुर्ग ने 6 साल के एक बच्चे की चाकूओं से गोदर हत्या कर दी. इतना खौफनाक कि शख्स ने बच्चे पर 26 बार चाकूओं से हमला किया और उसकी मां को भी चाकू मारकर घायल कर दिया.
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