बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित कर दिया है।
नए समीकरण के अनुसार, जदयू और भाजपा अब बराबर यानी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) और हिंदुस्तानी आवाम पार्टी (सेक्युलर) को 6-6 सीटें मिली हैं।
“बड़ा भाई नहीं, जुड़वां भाई हैं भाजपा-जदयू”
जदयू नेता संजय कुमार झा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि NDA के सभी घटक दल इस निर्णय का स्वागत करते हैं और नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए एकजुट हैं।
उन्होंने लिखा, “बिहार में कोई बड़ा भाई नहीं, बल्कि भाजपा और जदयू दोनों जुड़वां भाई हैं।”
चिराग पासवान को मिली 29 सीटें — भारी पड़े सहयोगियों पर
सीट बंटवारे में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को सबसे बड़ा फायदा हुआ है। भाजपा पहले 22 सीटों से आगे नहीं बढ़ना चाहती थी, लेकिन चिराग की जिद के चलते उन्हें 29 सीटें मिली हैं। सूत्रों के अनुसार, हिसुआ, गोविंदगंज और ब्रह्मपुर जैसी अहम सीटें LJP(RV) के खाते में गई हैं।
हालांकि पिछली बार लोजपा(आर) ने अकेले चुनाव लड़ा था, जिसमें पार्टी केवल एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। इसलिए इस बार चिराग के सामने स्ट्राइक रेट सुधारने की बड़ी चुनौती होगी।
नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा ने दी कुर्बानी
2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115 सीटों, और भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
इस बार दोनों पार्टियों ने कुछ सीटें छोड़कर बराबर 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
यह NDA के भीतर “समान भागीदारी और एकजुटता” का संदेश देता है।
मांझी और कुशवाहा को बराबर 6 सीटें
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें दी गई हैं।
बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को उजियारपुर, महुआ, दिनारा, सासाराम, बाजपट्टी और मधुबनी जैसी प्रभावशाली सीटें मिल सकती हैं।
भाजपा ने सहयोगियों को मनाया, विवाद हुआ खत्म
एनडीए में कुछ दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही थी, लेकिन अंततः भाजपा ने सभी सहयोगियों को मना लिया।
दिल्ली में हुई बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, “मैं आखिरी सांस तक पीएम मोदी के साथ रहूंगा।”
सूत्रों के मुताबिक, हम को भविष्य में एक एमएलसी सीट पर भी मौका मिल सकता है।
महागठबंधन का फॉर्मूला अभी तय नहीं
वहीं, राजद-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के महागठबंधन (Grand Alliance) ने अभी तक सीट बंटवारे का अपना फॉर्मूला घोषित नहीं किया है।
यह पहला मौका है जब जदयू भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी, जो NDA के भीतर ताकत के नए संतुलन को दर्शाता है।