एम्स में मरीजों के लिए कई तरह की नई सुविधाएं शुरू की गई हैं. इसी क्रम में अब एम्स में इलाज कराने वाले सभी मरीजों को स्मार्ट कार्ड मिलेगा. कार्ड के मिलने के बाद एम्स में कहीं भी विभाग में पेमेंट करने के लिए कैश नहीं लिया जाएगा. इस बाबत एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास की ओर से एक आदेश भी जारी कर दिया गया है. एम्स में यह व्यवस्था 31 मार्च से लागू हो जाएगी. इसके लागू होने के बाद से किसी भी मरीज को जांच, भर्ती होने या फिर किसी भी तरह की सर्जरी के लिए कैश जमा नहीं करना होगा. सभी प्रकार की पेमेंट केवल कार्ड से ही होगी.
मरीजों को इस स्मार्ट कार्ड को रिचार्ज करने की सुविधा भी एम्स में ही मिलेगी, अलग- अलग स्थानों पर टॉप अप केंद्र खोले जाएंगे. यहां लोग कैश या ऑनलाइन भुगतान से स्मार्ट कार्ड ले सकते हैं और इसे रिचार्ज भी करा सकेंगे. स्मार्ट कार्ड को कैफेटेरिया सहित अन्य जगहों पर नाश्ता या भोजन करने के लिए भी यूज किया जा सकेगा. परिसर में मौजूद मरीजों को मिलने वाली किसी भी सुविधा को लेने के लिए इस कार्ड से ही भुगतान करना होगा.
एम्स को भारतीय स्टेट बैंक ने किया सहयोग
प्रशासन ने भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से मरीजों और उनके परिचारकों के लिए स्मार्ट कार्ड सुविधा शुरू करेगा. इसे ई-अस्पताल की बिलिंग सुविधा से भी जोड़ा दिया जाएगा. जिससे मरीज अपने बिल भी कार्ड की मदद से भर सकेंगे. इसके लिए लंबी लाइनों में लगने की परेशानी भी दूर हो जाएगी.
एम्स में नकद भुगतान नहीं लिया जाएगा
एम्स डायरेक्टर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह सुविधा शुरू होने के बाद कोई नकद भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा. स्मार्ट कार्ड एम्स की सभी ओपीडी, अस्पताल और केंद्रों के भीतर 24 घंटे काम करेगा. स्मार्ट कार्ड की सुविधा शुरू होने से मरीजों को कई तरह से फायदा मिलेगा.
बिल से छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा कोई
एम्स के निदेशक ने अपने आदेश में लिखा है कि कई न्यूज रिपोर्ट में यह सामने आया है कि एक अस्पताल में काम करने वाली आउटसोर्स कंपनी ने मरीज के डिस्चार्ज बिल से छेड़छाड़ की और अधिक पैसे वसूले. ऐसे में स्मार्ट कार्ड की सुविधा पूरे एम्स में लागू होगी।. इससे पहले निदेशक ने 17 नवंबर 2022 को आदेश दिया था कि सुविधा 1 अप्रैल 2023 से शुरू होगी लेकिन अब यह 31मार्च 2024 से लागू होगी. इससे बिल में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी.
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