दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2025 संपन्न हो चुके हैं और इस बार पीजीडीएवी मॉर्निंग कॉलेज से कनक डेढ़ा ने अध्यक्ष पद पर शानदार विजय हासिल की है। कनक ने न केवल अपने कॉलेज का मान बढ़ाया है बल्कि अपने क्षेत्र और परिवार का नाम भी रोशन किया है।
चौरा रघुनाथपुर की बेटी की ऐतिहासिक उपलब्धि
कनक डेढ़ा चौरा रघुनाथपुर के प्रसिद्ध शिक्षाविद् और जननेता चौधरी जैमल मास्टर जी की पोती हैं। राजनीति और समाजसेवा की परंपरा से जुड़े इस परिवार में कनक पहली बेटी हैं, जिन्होंने चुनावी मैदान में उतरकर विजय प्राप्त की। इससे पूरे गाँव और परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कनक की यह जीत गाँव के लिए गौरव का क्षण है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
परिवार की जनसेवा की विरासत
कनक के परदादा ने लगातार 22 वर्षों तक चौरा रघुनाथपुर गाँव के प्रधान पद की जिम्मेदारी निभाई थी। इस दौरान उन्होंने गाँव के विकास, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। वहीं, कनक के दादाजी चौधरी जैमल मास्टर जी, जिन्होंने स्नातक शिक्षा जामिया से प्राप्त की थी, अपने समय में गाँव और क्षेत्र में एक सम्मानित व्यक्तित्व रहे हैं। अब उनकी पोती ने छात्र राजनीति में जीत हासिल कर परिवार की इस सेवा-परंपरा को नई दिशा दी है।
छात्र राजनीति में महिला सशक्तिकरण की मिसाल
कनक डेढ़ा की जीत को छात्र राजनीति में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। आमतौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में पुरुषों का दबदबा देखने को मिलता है, लेकिन कनक ने इस धारा को बदलते हुए यह साबित कर दिया कि प्रतिभा और मेहनत के बल पर लड़कियाँ भी नेतृत्व की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकती हैं।
गाँव में उत्सव जैसा माहौल
कनक की जीत की खबर मिलते ही चौरा रघुनाथपुर गाँव में जश्न का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बाँटकर अपनी खुशी जाहिर की और कनक को गाँव की गौरवशाली बेटी बताया। गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि यह जीत सिर्फ एक परिवार की नहीं बल्कि पूरे गाँव की है।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
कनक डेढ़ा की जीत ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा और नेतृत्व क्षमता से हर कोई समाज में अपनी पहचान बना सकता है। गाँव के युवा इस उपलब्धि से प्रेरित होकर आगे बढ़ने का संकल्प ले रहे हैं।
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