दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित रामजस कॉलेज में वीरता और बलिदान की अनमोल गाथा को याद करते हुए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर की स्मृति को समर्पित था। कार्यक्रम का संयोजन राम सिंह द्वारा किया गया और इसकी रूपरेखा को IQAC Coordinator प्रो. रुचिका वर्मा ने आगे बढ़ाया।
मुख्य और विशिष्ट अतिथि
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सुनील यादव (अध्यक्ष, ओबीसी मोर्चा, बीजेपी दिल्ली) और अमित खरखरी (उपाध्यक्ष, शिक्षा समिति, दिल्ली एमसीडी) उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर श्री विजय डागर (शहीद कैप्टन डागर के पोते) और विपिन डागर (सचिव, ओबीसी मोर्चा, बीजेपी दिल्ली) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
शहीद के परिवार की भावुक स्मृतियाँ
कार्यक्रम के दौरान शहीद कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर के परपोते श्री अभिमन्यु डागर ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे बचपन से ही वे अपने दादा जी की वीरता की कहानियाँ सुनते आ रहे हैं। अभिमन्यु ने फिल्म पलटन का एक गीत भी प्रस्तुत किया, जो शहीद कैप्टन डागर और उनके साथियों के संघर्ष पर आधारित है। यह पल पूरे सभागार को भावुक कर गया।
क्षेत्र का गर्व – कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर
विशेष संबोधन में अमित खरखरी ने कहा कि शहीद कैप्टन डागर केवल एक नाम नहीं, बल्कि पूरे नजफगढ़ क्षेत्र का गर्व हैं। उन्होंने जानकारी दी कि नजफगढ़ के पास रावता मोड़ पर कैप्टन डागर का एक छोटा-सा संग्रहालय भी मौजूद है, जो युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र है। साथ ही उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे नथुला दर्रा अवश्य जाएँ, जहाँ कैप्टन डागर ने शौर्य का परिचय दिया था। खरखरी ने कहा कि ऐसी जगह जाकर ही छात्रों को असली देशभक्ति और वीरता का अहसास होगा।
वीरता की विरासत
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि शहीद कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर का जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका बलिदान केवल परिवार का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का गौरव है। उनके जीवन से नई पीढ़ी साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति की सीख ले सकती है।
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