प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में “कमला राइजिंग स्टार्स 2.0 अवॉर्ड्स” का भव्य आयोजन किया गया। इस समारोह का आयोजन कमला अंकिबाई घमंडीराम गोवानी ट्रस्ट द्वारा किया गया, जिसने इस बार समाज परिवर्तन में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 42 व्यक्तित्वों को सम्मानित किया।
इस वर्ष कार्यक्रम की थीम “ध्रुव तारा” रही। ध्रुव तारा प्राचीन काल से स्थिरता, मार्गदर्शन और दिशा का प्रतीक माना जाता है। इसी संदेश को आत्मसात करते हुए उन व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में न केवल श्रेष्ठता सिद्ध की, बल्कि समाज को नई दिशा देने का कार्य भी किया। इस अवसर पर देश के कई प्रतिष्ठित नेता, विचारक और समाजसेवी मौजूद रहे। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने ऐसे आयोजनों को समाज को दिशा देने वाला बताया। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री,भारत सरकार श्रीमती सावित्री ठाकुर ने प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के संकल्पों को दोहराया। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने आत्मसंयम को व्यक्ति निर्माण का प्रथम सोपान बताया।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के परमाध्यक्ष परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा राष्ट्र से केवल लेना नहीं बल्कि देना सीखने की भी ज़रूरत है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर निरंजन कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राष्ट्र निर्माण की दिशा में परिवर्तनीय कदम बताया। सभी अतिथियों ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया और उनके कार्यों की सराहना की।
“कमला राइजिंग स्टार्स 2.0 अवॉर्ड्स” से सम्मानित किए गए व्यक्तित्व खेल, शिक्षा, पत्रकारिता, कला, समाज सेवा, उद्यमिता, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों से थे। इनमें से प्रत्येक को उनके संघर्ष, साहस और उपलब्धियों के लिए चुना गया, जिन्होंने अपने कार्यों से न केवल समाज को प्रेरित किया बल्कि भारत को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाने में भी योगदान दिया। ट्रस्ट की ट्रस्टी श्रीमती निदर्शना गोवानी ने इस अवसर पर कहा “यह पुरस्कार केवल व्यक्तियों का सम्मान नहीं है, बल्कि उन मूल्यों और आदर्शों का भी उत्सव है, जिनसे समाज आगे बढ़ता है।” कार्यक्रम में मीडिया जगत, अकादमिक जगत, भारत सरकार के उच्च अधिकारी और समाज के अन्य गणमान्य लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम इस विचार को पुष्ट करता है कि बदलाव केवल सरकार या संस्थानों से ही नहीं आता, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए साहसिक कदम भी बड़े परिवर्तन ला सकते हैं।
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