हिन्दी दिवस के अवसर पर मेरा युवा भारत, जिला नई दिल्ली एवं मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा एक भव्य युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का सह-आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम, दिल्ली विश्वविद्यालय इकाई ने किया। कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी भाषा की गरिमा, साहित्यिक धरोहर और युवा पीढ़ी में काव्य-संवेदना का प्रसार करना था।
इस अवसर पर कॉलेज परिवार के सभी विभागों के विद्यार्थी, प्राध्यापक और साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सानिध्य मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संदीप गर्ग ने दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में हिन्दी को केवल भाषा नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. प्रतिभा राणा (एसोसिएट प्रोफेसर, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज) ने हिन्दी दिवस की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि हिन्दी हमारी पहचान है और युवाओं को इसे अपनाने पर गर्व करना चाहिए। वहीं, विशिष्ट अतिथि डॉ. सतेन्द्र शुक्ला (असिस्टेंट प्रोफेसर, रामजस कॉलेज) ने हिन्दी साहित्य की परंपरा और नई पीढ़ी की रचनाशीलता को जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश टांक ने स्वागत भाषण दिया और विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. लक्ष्मी (असिस्टेंट प्रोफेसर, मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आशुतोष शर्मा ने दिया।
इस अवसर पर बीज वक्तव्य डॉ. सतेन्द्र सिंह ने प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने हिन्दी साहित्य के विविध आयामों और समकालीन चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
संयोजन टीम में डॉ. दीपक शर्मा (संयोजक, हिन्दी साहित्य परिषद, मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज), श्रीमती रंजीता तिवारी (मेरा युवा भारत, जिला नई दिल्ली), श्री धरमवीर “धरम” (संयोजक, राष्ट्रीय कवि संगम, डीयू इकाई), श्री दास आरोही आनंद (सह संयोजक, राष्ट्रीय कवि संगम), श्री आलोक रंजन (संयोजक, दक्षिण परिसर, डीयू इकाई) और श्री रोहित कुमार (संयोजक, राष्ट्रीय कवि संगम, मोती लाल नेहरू सांध्य कॉलेज) शामिल रहे।
कार्यक्रम का मंच संचालन श्री विशाल विशेष ने किया। उनकी ओजस्वी वाणी ने पूरे सम्मेलन को रोचक और आकर्षक बना दिया।
इस अवसर पर आमंत्रित कवियों में श्रीमती मंजूषा पँवार, श्री राहुल गुज्जर, श्री शिवम, श्री सूर्य प्रकाश और श्री सुमित भारती ने अपने-अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवियों की पंक्तियों में देशभक्ति, सामाजिक चेतना और हिन्दी भाषा के प्रति समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिला।
पूरे कार्यक्रम ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता को उजागर किया और युवा पीढ़ी में साहित्यिक चेतना का संचार किया। उपस्थित जनसमूह ने कवि सम्मेलन की सराहना की और हिन्दी दिवस को यादगार बनाने के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया।
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