दिल्ली शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ने वाली है। ईडी द्वारा उन्हें आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है, कई तरह के सवाल-जवाब होने जा रहे हैं। अभी तक इस मामले में दो बड़ी गिरफ्तारी हो चुकी हैं। पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया गया तो वहीं बाद में संजय सिंह भी गिरफ्तार हो गए। अब आम आदमी पार्टी को इस बात की आशंका है कि इसी मामले में उनके सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एक्शन हो सकता है।
पहली बार अरविंद केजरीवाल को समन
अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी होती है या नहीं ये तो समय बताएगा, लेकिन जो आरोप उन पर लगे हैं, वो सभी गंभीर है। असल में इससे पहले भी जांच एजेंसी द्वारा सीएम से 9 घंटे के करीब की पूछताछ हो चुकी है, लेकिन ये पहली बार है जब उन्हें ईडी द्वारा समन भेज दिया गया है। समन भेजने का मतलब ही ये है कि जांच एजेंसी को कुछ पुख्ता सबूत मिले होंगे। अब क्या सबूत मिले हैं, ये साफ नहीं, लेकिन माना जा रहा है कि सीएम केजरीवाल से एक बार फिर लंबी पूछताछ संभव है।
चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल का नाम
यहां ये समझना जरूरी है कि ईडी की जो चार्जशीट सामने आई है,उसमें एक बार नहीं कई बार अरविंद केजरीवाल केक नाम का भी जिक्र किया गया है। अब नाम इसलिए है क्योंकि जांच एजेंसी को पता चला है कि जिस समय दिल्ली की नई शराब नीति बनाई जा रही थी, तब केजरीवाल का हर उस शख्स से संपर्क था जो इस समय इस घोटाले में फंसा हुआ है। जांच एजेंसी के मुताबिक भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से जब पूछताछ हुई थी, तब उनकी तरफ से भी सीएम का नाम लिया गया था। उन्होंने दो टूक कहा था कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के बीच एक राजनीतिक समझ चल रही थी।
राजनीति चरम पर, कौन सही कौन गलत?
इसी मामले में दिनेश अरोड़ा पर भी गंभीर आरोप लगे थे, पूछताछ में उन्होंने भी सीएम केजरीवाल का नाम लिया था, यहां तक कहा गया था कि उन्होंने सीएम से उनके आवास पर मुलाकात की। ऐसी ही बातें कई और आरोपी ने भी कही थीं, इसी वजह से अब केजरीवाल को सवाल जवाब के लिए बुलाया जा रहा है। अब जब से सीएम अरविंद केजरीवाल को ये समन मिला है, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है तो वहीं आप का मानना है कि पार्टी के बड़े नेताओं को जेल भेज उनके दल को ही खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
क्या सीएम को गिरफ्तार किया जा सकता है?
वैसे सवाल तो ये भी उठता है कि क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री को यूं गिरफ्तार किया जा सकता है? आखिर इसके नियम क्या रहते हैं? अब जानकारी के लिए बता दें कि कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135 साफ कहती है कि किसी भी केंद्रीय मंत्री, प्रधानमंत्री, या फिर मुख्यमंत्री, लोकसभा-राज्यसभा के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। लेकिन ये छूट सिर्फ सिविल मामलों तक सीमित रहती है, अगर कोई भी केस क्रिमिनल पाया जाएगा तो उस स्थिति में ये गिरफ्तारी भी हो जाएगी और किसी तरह की छूट भी नहीं मिल पाएगी।
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