रोहित शर्मा की कप्तानी में लगातार 10 मैच जीतने वाली टीम इंडिया को वर्ल्ड कप 2023 में खिताब का बड़ा दावेदार माना जा रहा था लेकिन फाइनल में कुछ अलग ही देखने को मिला. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 6 विकेट से हरा दिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 240 रन बनाए, जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ये लक्ष्य 42 गेंद पहले महज 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया. अब सवाल ये है कि वर्ल्ड कप में लगातार 10 जीत हासिल करने वाली टीम इंडिया आखिर फाइनल में क्यों चूक गई? आखिर टीम इंडिया से गलतियां क्या हुई?
रोहित शर्मा की खराब रणनीति
रोहित शर्मा ने वर्ल्ड कप 2023 में 597 रन जरूर बनाए लेकिन फाइनल में उन्होंने एक ऐसी गलती कर डाली जो अंत में टीम इंडिया की हार की एक बड़ी वजह बन गई. रोहित शर्मा ने एक बार फिर अच्छी स्टार्ट मिलने के बाद अपना विकेट फेंक दिया. रोहित शर्मा ने 36 गेंदों में 47 रनों की पारी खेली और एक बार फिर वो खराब शॉट खेलकर आउट हो गए. रोहित शर्मा को फाइनल के दबाव को समझना चाहिए था. उन्हें एक बड़ी पारी खेलनी चाहिए थी. बड़ी बात ये है कि वो ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर खराब शॉट खेलकर आउट हुए. उनके ओवर में रोहित ने दो बाउंड्री लगा ली थी लेकिन एक और बाउंड्री के लालच ने उन्हें पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया.
विराट का सेट होने के बाद आउट होना
विराट कोहली का सेट होकर आउट होना भी टीम इंडिया की हार की एक बड़ी वजह बना. विराट कोहली ने फाइनल में 63 गेंदों में 54 रनों की पारी खेली. जाहिर तौर पर विराट कोहली बढ़िया क्रिकेट खेले लेकिन जिस समय उन्होंने अपना विकेट गंवाया वो टीम इंडिया को बड़ा नुकसान पहुंच गया. विराट का विकेट 29वें ओवर में गिर गया और उनके आउट होने के बाद जडेजा और राहुल दबाव में आ गए और दोनों के बीच काफी धीमी साझेदारी हुई. साथ ही विराट कोहली ने बेहद ही खराब गेंद पर अपना विकेट गंवाया.
केएल राहुल का ‘शतक’ पड़ा भारी
केएल राहुल ने भी वर्ल्ड कप फाइनल में शतक लगाया लेकिन उन्होंने 66 रनों के लिए 107 गेंद खेली. उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 61.68 खेली. हैरानी की बात ये है कि राहुल ने अपनी इतनी लंबी पारी में सिर्फ एक चौका लगाया. राहुल ने बहुत ज्यादा डॉट गेंद खेली जिसकी वजह से टीम इंडिया 280 से 290 के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी.
40 ओवरों में सिर्फ 4 बाउंड्री लगना
वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में टीम इंडिया ने कुल 16 बाउंड्री ही लगाई. जिसमें से 12 बाउंड्री तो पहले 10 ओवर में ही लग गई थी. मतलब उसके बाद 40 ओवर में टीम इंडिया सिर्फ 4 चौके ही लगा सकी. भारत का मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फेल रहा. केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 61 का रहा. जडेजा का स्ट्राइक रेट 40 रहा. वहीं सूर्यकुमार यादव ने महज 64 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए.
रणनीति में छेड़छाड़
वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया ने अपनी गेंदबाजी की रणनीति से छेड़छाड़ की. नई गेंद से टीम इंडिया ने बुमराह के साथ मोहम्मद शमी को गेंदबाजी कराई. जबकि पिछले 10 मैचों में बुमराह के साथ सिराज ने गेंदबाजी की शुरुआत की थी. शमी ने फाइनल में टीम इंडिया को विकेट तो दिलाया लेकिन उनकी दिशा काफी भटकी हुई दिखाई दी. उनकी गेंद कुछ ज्यादा ही स्विंग हुई और वो अपना कंट्रोल खो बैठे.मोहम्मद सिराज को टीम इंडिया ने पांचवें गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल किया जो कि काफी हैरान करने वाला था.
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