दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में 12 अक्टूबर 2025 को साहित्य और संगीत की शाम ‘सिद्धिदा’ के नाम रही। NCWEB मिरांडा हाउस सेंटर और काव्यपीडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में कवियों, शायरों और संगीतकारों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और आयोजन
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. (डॉ.) सतेन्द्र शुक्ल ने बताया कि ‘सिद्धिदा’ का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी रचनात्मकता को अभिव्यक्त कर सकें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री आलोक अविरल, वरिष्ठ शायर एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड से संबद्ध, ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में सम्माननीय अतिथि प्रो. गीता भट्ट, निदेशक NCWEB, ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजन साहित्यिक चेतना को जीवित रखते हैं।
कार्यक्रम की संरक्षक थीं प्रो. (डॉ.) बिजयालक्ष्मी नंदा, प्राचार्या मिरांडा हाउस, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। वहीं, डॉ. सोनाली चिताल्कर, प्रभारी NCWEB मिरांडा हाउस, ने बतौर अतिरिक्त प्रभारी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
गीत, ग़ज़ल और संगीत का अद्भुत संगम
कार्यक्रम की शुरुआत मधुर संगीत से हुई, जहाँ गायक एवं संगीतकार राघवेन्द्र शर्मा ने अपनी सुमधुर आवाज़ से माहौल को सुरमय बना दिया।
उनका साथ दे रहे थे स्वप्निल रावल (तबला), हेमंत कुमार (वायलिन) और अभिषेक सिंह (बांसुरी), जिन्होंने अपने वाद्य संगीत से हर प्रस्तुति को नया आयाम दिया।
गीत और ग़ज़ल की यह प्रस्तुति श्रोताओं के दिलों में देर तक गूंजती रही।
कविता और शायरी की शाम — युवा कवियों ने लूटा दिल
इस साहित्यिक संध्या में युवा कवयित्री कल्पना शुक्ला ने अपनी काव्य कला की छटा बिखेरी। उनकी कविताओं में नारी संवेदना और आधुनिक समाज की झलक देखने को मिली।
इसके बाद मंच पर आए प्रसिद्ध युवा शायर ऋषभ शर्मा, जिन्होंने अपने शायराना अंदाज़ और नज़्मों से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
उनकी शायरी में प्रेम, विरह और सामाजिक यथार्थ की झलक दिखाई दी।
इसके बाद अंकित मौर्य ने अपनी ग़ज़लों से ऐसा समां बाँधा कि सभागार तालियों की गूंज से भर गया। उनकी शायरी में रोमांटिक भावों के साथ-साथ गहराई और सरलता दोनों देखने को मिलीं।
पूरे कार्यक्रम में प्रसिद्ध युवा शायर तनोज दाधीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। उनकी ओजपूर्ण और विचारशील कविताओं ने दर्शकों के बीच गहरा प्रभाव छोड़ा।
साहित्यिक चेतना और नई ऊर्जा का संगम
‘सिद्धिदा’ कार्यक्रम ने मिरांडा हाउस के सभागार को रचनात्मक ऊर्जा से भर दिया। कवियों, संगीतकारों और विद्यार्थियों की उत्साही भागीदारी ने यह साबित किया कि नई पीढ़ी साहित्य और कला से गहराई से जुड़ी हुई है। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया और दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया।
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