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ABVP JNU ने आज जेएनयू टी-पॉइंट पर भ्रष्ट जेएनयू वीसी के एवं जेएनयू में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के विरोध में एक अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की। यह धरना 11 प्रमुख मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किए जा रहे भारी भ्रष्टाचार एवं बुनियादी ढांचे और छात्रों के शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं में सुधार करना है।

ABVP JNU ने जेएनयू प्रशासन से 11 सूत्रीय मांगपत्र के तत्काल समाधान की मांग की है, ताकि छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके और विश्वविद्यालय का समुचित विकास हो सके।

एबीवीपी जेएनयू के मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

1. बराक हॉस्टल खोला जाए : बनकर तैयार खड़े बराक हॉस्टल को तुरंत प्रभाव से छात्रों के लिए खोला जाए और हाॅस्टल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जाए।

2. हॉस्टल नवीनीकरण भ्रष्टाचार की जांच: हॉस्टल नवीनीकरण में हो रहे भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।

3. पुस्तकालय का सुधार: पुस्तकालय की सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

4. इंजीनियरिंग/मैनेजमेंट/आयुर्वेद भवन का निर्माण: इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और आयुर्वेद के नए भवनों का निर्माण तुरंत शुरू किया जाए।

5. चिकित्सा सुविधाओं का उन्नयन: विश्वविद्यालय के खस्ताहाल स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि की जाए।

6. छात्रवृत्ति में वृद्धि: एमसीएम/नोन-नेट छात्रवृत्ति में तत्काल वृद्धि की जाए और एमटेक/ एमपीएच की रोक दी गयी छात्रवृत्ति पुनः शुरू की जाए। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग

के लिए भी एमसीएम छात्रवृत्ति शुरू की जाए। बाकी सभी स्कॉलरशिप को समय से छात्रों को दिया जाए।

7. सभी के लिए प्रभावी प्लेसमेंट सेल: विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के बेहतर भविष्य और रोजगार की निश्चितता के लिए एक प्रभावी प्लेसमेंट सेल का गठन किया जाए।

8. भेदभावपूर्ण विषय प्रवेश को अस्वीकार: विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए भेदभावपूर्ण पुरानी प्रवेश प्रक्रिया को अपनाए जाने की प्रक्रिया को तुरंत वापस लिया जाए और प्रवेश-प्रक्रिया को पूरे देश-भर की भांति वस्तुनिष्ठ पद्धति पर ही रखा जाए।

9. विशेष केन्द्रों की स्वायत्तता की रक्षा : विश्वविद्यालय के विशेष शैक्षणिक केन्द्रों की स्वायत्तता को सुरक्षित रखा जाए।

10. सुरक्षा व्यवस्था का सुधार: परिसर की बदहाल सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

11. फर्जी प्रोक्टोरियल मामले वापस लिये जाएँ- एबीवीपी के छात्रों पर बिना कोई वैध कारण के प्रॉक्टोरियल जाँच बैठाकर लगाए जा रहे जुर्मानों और जेएनयू वीसी की शह पर हो रहे फर्जी प्रोक्टोरियल मामले वापस लिये जाएँ।

ABVP JNU के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, “हमने हमेशा छात्रों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है और इस बार भी हमारी मांगें विश्वविद्यालय के विकास और छात्रों के कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे हमारी मांगों को गंभीरता से लें और शीघ्र समाधान निकालें। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारे धैर्य की परीक्षा लेने का प्रयास ना करें, क्योंकि यह आंदोलन छात्रों की एकजुटता और उनकी आवाज़ का प्रतीक है।”

ABVP JNU की इकाई मंत्री शिखा स्वराज ने कहा “विश्वविद्यालय प्रशासन को यह समझना होगा कि छात्रों के बुनियादी अधिकारों और सुविधाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारे 11 सूत्रीय मांगें न केवल छात्रों की आवश्यकता को दर्शाती हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को भी बढ़ावा देती हैं। हम अपने संघर्ष में पूरी तरह से दृढ़ हैं और जब तक हमें न्याय नहीं मिलता, हम पीछे नहीं हटेंगे। एबीवीपी के इस आंदोलन में छात्रों की पूरी भागीदारी और समर्थन है और हम विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में और छात्रों के अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे।” JNU VC JNU VC

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