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कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं। अब गुजरात में कांग्रेस पार्टी के टॉप लीडर्स में शुमार अर्जुन मोढवाडिया ने गुजरात विधानसभा और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को गुजरात विधानसभा के स्पीकर शंकरभाई चौधरी को इस्तीफा सौंपा।

गुजरात में अर्जुन मोढवाडिया का कांग्रेस छोड़ने पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी छोड़ने के बाद कहा कि जब एक पार्टी जनता से साथ अपना कनेक्शन खो देती है, वो लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकती। देश के लोग चाहते थे कि राम मंदिर बने। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने भी यह तय किया था कि वो संवैधानिक फैसले का समर्थन करेगी। इसके बाद भी प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण अस्वीकार कर दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा, “मैंने तब भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी कि यह पब्लिक सेंटिमेंट को हर्ट करेगा और हमें ऐसे सियासी फैसले नहीं करने चाहिए। यह फैसला दिखाते हैं कि जनता से कनेक्शन टूट गया है। मैंने कई अन्य मसलों पर भी संदेश देने चाहा लेकिन मैं सफल नहीं रहा। इसलिए मैंने आज रिजाइन करने का फैसला किया।”

अर्जुन मोढवाडिया ओबीसी समुदाय से से संबंध रखते हैं और वो सौराष्ट्र के तटीय इलाके से आते हैं। वह गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं और राज्य में कांग्रेस पार्टी की कमान भी संभाल चुके हैं। कभी गुजरात में उनकी गिनती अहमद पटेल के बाद नंबर दो पर होती थी। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तब अर्जुन मोढवाडिया राज्य में कांग्रेस पार्टी का फेस हुआ करते थे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन मोढवाडिया को गुजरात कांग्रेस में अहमद पटेल का सबसे करीबी माना जाता था। फिलहाल गुजरात कांग्रेस में शक्तिसिंग गोहिल और भरतसिंग सोलंकी जैसे बड़े नेता भी इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी छोड़ दी है। अर्जुन मोढवाडिया ने इस साल जनवरी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राम मंदिर आमंत्रण न स्वीकार करने पर नाराजगी जाहिर की थी।

गुजरात समाचार ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि अर्जुन मोढवाडिया आने वाले दिनों में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और उपचुनाव में पार्टी की तरफ से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्जुन मोढवाडिया के विधायक बनने के बाद बीजेपी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।

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