Iran-Pakistan Air Strike: कहा जा सकता है कि यह दौर युद्धों वाला है. रूस का यूक्रेन पर, इजरायल का गाजा पर और अब पाकिस्तान और ईरान का इसी हफ्ते एक-दूसरे पर हवाई हमला. दोनों देशों के इस हवाई हमले में अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है. इन देशों ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि, ‘इन्होंने आतंकवादी समूहों के ठिकानों पर हमला किया है.’
मालूम हो कि पाकिस्तान पर हमला करने से पहले अपने अन्य पड़ोसी देश इराक और सीरिया पर भी मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. इस पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने तीखी टिप्पणी की, जो खुद यमन के हूती के ठिकानों पर बुधवार को हमला किया और उनके मिसाइल के भंडार को नष्ट करने का दावा किया है.
ईरान और पाकिस्तान ने हमले पर क्या कहा?
गुरुवार की सुबह हमलों के बाद, इस्लामाबाद ने कहा कि ‘आतंकवादी ठिकानों सटीक सैन्य हमला. यह एक गुप्त सैन्य ऑपरेशन था जिसका कोडनेम ‘मार्ग बार समाचार’ है. इस ऑपरेशन में सेना कई आतंकवादियों को मार गिराया है.’ पाकिस्तान ने कहा कि, ‘ईरान के अंदर गैर-शासित स्थानों में पाक मूल के आतंकवादियों द्वारा प्राप्त सुरक्षित पनाहगाहों और स्थानों के बारे में अपनी गंभीर चिंताओं को लगातार साझा किया गया था.’ पाकिस्तान ने ईरान से अपने शीर्ष राजनयिक को वापस बुला लिया और तेहरान के समकक्ष को निष्कासित कर दिया है.
ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहिया ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर बोलते हुए कहा कि कल उनके देश ने एक “ईरानी आतंकवादी समूह” को निशाना बनाया था, और “मित्रवत और भाईचारे वाले देश पाकिस्तान का कोई भी नागरिक नहीं” निशाना बनाया गया.
भारत और चीन की प्रतिक्रिया क्या रही?
चीन और भारत ने ईरान द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों पर बयान जारी किए हैं. बीजिंग ने दोनों पक्षों से “संयम” बरतने का आह्वान किया है. चीन ने कहा कि हम दोनों पक्षों से तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और संयुक्त रूप से क्षेत्र को शांतिपूर्ण बनाए रखने का आह्वान करते हैं.
नई दिल्ली ने “ईरान और पाकिस्तान के बीच के मामले” से खुद को दूर कर लिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह कहा कि वह “आत्मरक्षा में देशों द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है.” विदेश प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारा रुख बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का है.
अमेरिका ने चेताया…
अमेरिकी विदेश विभाग ने 48 घंटों में तीन देशों की संप्रभु सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए ईरान की आलोचना की है. राज्य विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि यह कछ ज्यादा है… एक तरफ ईरान इस क्षेत्र में आतंकवाद का प्रमुख वित्तपोषक है, और दूसरी तरफ, (उसका दावा है) कि उसे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ये कार्रवाई करने की जरूरत है.’
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